INDIA-CHINA
INDIA और CHINA दोनों ही देश ने लगभग-लगभग एक साथ आस-पास ही
आज़ादी प्राप्त की, जहां INDIA 15-08-1947 को आजाद हुआ वही CHINA 01-10-1949,
लेकिन दोनों ही देशों में अलग-अलग प्रकार की राजनीतिक व्यवस्था क़ायम हुई।
आज़ादी प्राप्त की, जहां INDIA 15-08-1947 को आजाद हुआ वही CHINA 01-10-1949,
लेकिन दोनों ही देशों में अलग-अलग प्रकार की राजनीतिक व्यवस्था क़ायम हुई।
जहाँ एक ओर INDIA में लोकतंत्र की स्थापना हुई, वहीं दूसरी ओर
CHINA में (साम्यवाद )कम्युनिज्म की स्थापना हुई,
जहाँ एक ओर INDIA अपने देश के लोगो को सामाजिक, राजनीतिक और
आर्थिक स्वतंत्रता दिलाने की ओर कार्यरत रहा,
CHINA में (साम्यवाद )कम्युनिज्म की स्थापना हुई,
जहाँ एक ओर INDIA अपने देश के लोगो को सामाजिक, राजनीतिक और
आर्थिक स्वतंत्रता दिलाने की ओर कार्यरत रहा,
वहीं दूसरी ओर China विकास के क्षेत्र में कार्यरत रहा।
ऐसा नहीं है कि INDIA में विकास नहीं हुआ, लेकिन यदि आप देखेंगे कि
“CHINA में विकास” की प्राप्ति वहाँ के लोगो की स्वतंत्रता को दाँव पर रखकर हासिल हुई,
वहीं दूसरी ओर “INDIA में विकास” लोगो को स्वतंत्रता के साथ प्राप्त हुआ।
वहीं दूसरी ओर “INDIA में विकास” लोगो को स्वतंत्रता के साथ प्राप्त हुआ।
लेकिन INDIA विकास के उस शिखर पर पहुँच पाने में असफल रहा या ये कहें कि
CHINA के मुक़ाबले INDIA अपनी आर्थिक समृद्धि (ECONOMIC GROWTH ),
प्रति व्यक्ति आय (PER CAPITA INCOME ),
सकल घरेलू उत्पाद(GDP ) को अपने देश की
जनसंख्या और संसाधनों के होते हुए भी नहीं बढ़ा पाया।
CHINA के मुक़ाबले INDIA अपनी आर्थिक समृद्धि (ECONOMIC GROWTH ),
प्रति व्यक्ति आय (PER CAPITA INCOME ),
सकल घरेलू उत्पाद(GDP ) को अपने देश की
जनसंख्या और संसाधनों के होते हुए भी नहीं बढ़ा पाया।
जिस कारण आज INDIA अपने देश के लोगो की छोटी सी छोटी ज़रूरतों के लिए
CHINA के द्वारा बनाए गए उत्पादों पर निर्भर है,
और यही कारण है कि INDIA का व्यापार संतुलन CHINA के साथ बहुत ही बेकार है,
या ये कहे की INDIA और CHINA के व्यापारिक संबंध में CHINA, INDIA को ज्यादा
चीजें निर्यात करता है और INDIA भारी मात्रा में आयात करता है।
CHINA के द्वारा बनाए गए उत्पादों पर निर्भर है,
और यही कारण है कि INDIA का व्यापार संतुलन CHINA के साथ बहुत ही बेकार है,
या ये कहे की INDIA और CHINA के व्यापारिक संबंध में CHINA, INDIA को ज्यादा
चीजें निर्यात करता है और INDIA भारी मात्रा में आयात करता है।
CHINA के द्वारा बनाए गए छोटे से गुड्डे - गुड़ियों से लेकर बड़े-बड़े उत्पादों पर
INDIA निर्भर करता है।
INDIA निर्भर करता है।
INDIA और CHINA जनसंख्या के मुकाबले में लगभग-लगभग एक समान है
लेकिन INDIA की बढ़ी हुई जनसंख्या महज उपभोग करने वाली बन चुकी है,
जबकि CHINA की यही विशाल जनसंख्या उनके लिए एक वरदान साबित हुई है,
लेकिन INDIA की बढ़ी हुई जनसंख्या महज उपभोग करने वाली बन चुकी है,
जबकि CHINA की यही विशाल जनसंख्या उनके लिए एक वरदान साबित हुई है,
आखिर CHINA ने ऐसा क्या किया कि वह इतना बड़ा निर्यातक बना हुआ है
जबकि INDIA आयात करने वाला।
जबकि INDIA आयात करने वाला।
दरअसल INDIA जब आजाद हुआ तो उसकी एक बहुत बड़ी जनसंख्या
गरीब, भूखी, कुपोषित,अविकसित, कौशल(skill) के अभाव से ग्रस्त थी।
गरीब, भूखी, कुपोषित,अविकसित, कौशल(skill) के अभाव से ग्रस्त थी।
जबकि CHINA ने कौशल विकास (skill development ) की ओर ज्यादा ध्यान दिया,
और अपनी बढ़ी हुई जनसंख्या को विनिर्माण(MANUFACTURING )क्षेत्र में लगाया।
और अपनी बढ़ी हुई जनसंख्या को विनिर्माण(MANUFACTURING )क्षेत्र में लगाया।
वही आजादी के बाद INDIA में एक बहुत बड़ी जनसंख्या कृषि कार्य में लगी हुई थी
और 1991 के (LPG) उदारीकरण(LIBERALIZATION), निजीकरण(privatization),
वैश्वीकरण(gloabalization) जैसे सुधारों के बाद INDIA की GDP में
सेवा क्षेत्र (service sector) का हिस्सा बढ़ता गया,
और कृषि क्षेत्र का घटता गया,
लेकिन विनिर्माण(MANUFACTURING )क्षेत्र में INDIA पिछड़ा था
जिस कारण विनिर्माण(MANUFACTURING )क्षेत्र में INDIA ने
अपनी निर्भरता दूसरे देशों पर बना ली।
और 1991 के (LPG) उदारीकरण(LIBERALIZATION), निजीकरण(privatization),
वैश्वीकरण(gloabalization) जैसे सुधारों के बाद INDIA की GDP में
सेवा क्षेत्र (service sector) का हिस्सा बढ़ता गया,
और कृषि क्षेत्र का घटता गया,
लेकिन विनिर्माण(MANUFACTURING )क्षेत्र में INDIA पिछड़ा था
जिस कारण विनिर्माण(MANUFACTURING )क्षेत्र में INDIA ने
अपनी निर्भरता दूसरे देशों पर बना ली।
जिसका दुष्परिणाम यह हुआ कि, INDIA की विशाल जनसंख्या कौशल के अभाव में
ग्रस्त होने के कारण उपभोग करने वाली बन गई
और इस विशाल जनसंख्या की आवश्यकता की पूर्ति CHINA जैसे देशों ने की
CHINA पर निर्भरता बढ़ने के और भी कई कारण थे।
ग्रस्त होने के कारण उपभोग करने वाली बन गई
और इस विशाल जनसंख्या की आवश्यकता की पूर्ति CHINA जैसे देशों ने की
CHINA पर निर्भरता बढ़ने के और भी कई कारण थे।
निर्यात तो INDIA अन्य देशों से भी करता है लेकिन CHINA से ख़रीदा गया माल काफी
सस्ता होता है, जिस कारण INDIA CHINA से ज्यादा माल आयात करता है,
आयातित मालो में पेट्रोलियम पदार्थ शामिल नहीं है,
इनमें इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद जैसे चिप, कंप्यूटर, मोबाइल, टीवी तथा अन्य उत्पादों
जैसे उर्वरक कीटनाशक शामिल है।
सस्ता होता है, जिस कारण INDIA CHINA से ज्यादा माल आयात करता है,
आयातित मालो में पेट्रोलियम पदार्थ शामिल नहीं है,
इनमें इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद जैसे चिप, कंप्यूटर, मोबाइल, टीवी तथा अन्य उत्पादों
जैसे उर्वरक कीटनाशक शामिल है।
ऐसा नहीं है कि INDIA अन्य देशों से आयात नहीं करता,
लेकिन CHINA से आयात करने का हिस्सा ज्यादा है, INDIA जिन देशों से आयात करता है
उनमें सर्वाधिक आयात करने वाले देशों में CHINA का स्थान दूसरा है।
लेकिन CHINA से आयात करने का हिस्सा ज्यादा है, INDIA जिन देशों से आयात करता है
उनमें सर्वाधिक आयात करने वाले देशों में CHINA का स्थान दूसरा है।
INDIA, CHINA को $15,540 million का निर्यात(export) करता है और CHINA द्वारा
INDIA को $62,379 million का निर्यात किया जाता है जो INDIA द्वारा किए जाने वाले
निर्यात का लगभग 4 गुना है।
INDIA को $62,379 million का निर्यात किया जाता है जो INDIA द्वारा किए जाने वाले
निर्यात का लगभग 4 गुना है।
यह एक बहुत बड़ा गैप है दोनों देशो के व्यापार के मध्य।
गौर करने वाली बात यह है की यह गैप सेवा क्षेत्रो से संबंधित मालो की बजाय
विनिर्माण(MANUFACTURING )क्षेत्र के मालो से ज्यादा संबंधित है
और यह एक बड़ी समस्या है क्योकि INDIA का विनिर्माण(MANUFACTURING )क्षेत्र बहुत
ज्यादा कमजोर है।
विनिर्माण(MANUFACTURING )क्षेत्र के मालो से ज्यादा संबंधित है
और यह एक बड़ी समस्या है क्योकि INDIA का विनिर्माण(MANUFACTURING )क्षेत्र बहुत
ज्यादा कमजोर है।
कौशल विकास(SKILL DEVELOPMENT)
SKILL - The ability to do something with well expertise.
युवा व्यक्तियों के भविष्य के श्रम बाजार की स्थिति उनके शुरूआती अनुभवों से
अत्यधिक प्रभावित होती है,जिसमे यह भी शामिल है कि वे कितनी जल्दी और कैसे
श्रम बाजार तक पहुँच बनाने में सक्षम है।
अत्यधिक प्रभावित होती है,जिसमे यह भी शामिल है कि वे कितनी जल्दी और कैसे
श्रम बाजार तक पहुँच बनाने में सक्षम है।
इसमें शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से हासिल किए गए कौशल और दक्षता भी सम्मिलित है .
सामान्य शिक्षा वर्गो के ज्ञान में सुधार करती है जबकि कौशल प्रशिक्षण उनके रोजगार क्षमता
को बढ़ते हुए उन्हें श्रम बाजार की आवश्यकताओ से निपटने में मदद करती है।
को बढ़ते हुए उन्हें श्रम बाजार की आवश्यकताओ से निपटने में मदद करती है।
कौशल विकास के क्षेत्र में सरकार ने PM कौशल विकास योजना चलाई,
जिसके तहत युवाओ को प्रशिक्षण दिया जाता है और छोटी छोटी तकनीको के बारे में प्रशिक्षण देकर
उन्हें TV,FRIDGE,AC जैसे इलेक्ट्रॉनिक ITEMS को सुधारने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है
और साथ ही उन्हें मोबाइल जैसे बहुतायत में उपयोग में आने वाले उपकरणों को सुधारने का प्रशिक्षण दिया जाता है,
इससे युवाओ को रोजगार भी प्राप्त होगा और देश की प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी होगी ।
जिसके तहत युवाओ को प्रशिक्षण दिया जाता है और छोटी छोटी तकनीको के बारे में प्रशिक्षण देकर
उन्हें TV,FRIDGE,AC जैसे इलेक्ट्रॉनिक ITEMS को सुधारने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है
और साथ ही उन्हें मोबाइल जैसे बहुतायत में उपयोग में आने वाले उपकरणों को सुधारने का प्रशिक्षण दिया जाता है,
इससे युवाओ को रोजगार भी प्राप्त होगा और देश की प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी होगी ।
दरअसल भारत में 8वीं कक्षा के बाद भारत में बच्चे स्कूलों को छोड़ देते है
जिस कारण उन्हें स्कूल छोड़ने से बचाने के लिए उन्हें 8वी तक पास कर दिया जाता है
और 10वी कक्षा के बाद उन्हें ITI मे प्रवेश करने हेतु प्रोत्साहित
क्योकि उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने में वे सक्षम नहीं होते जिस कारण ITI जैसे
प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना पर जोर दिया जाना आवश्यक है।
जिस कारण उन्हें स्कूल छोड़ने से बचाने के लिए उन्हें 8वी तक पास कर दिया जाता है
और 10वी कक्षा के बाद उन्हें ITI मे प्रवेश करने हेतु प्रोत्साहित
क्योकि उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने में वे सक्षम नहीं होते जिस कारण ITI जैसे
प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना पर जोर दिया जाना आवश्यक है।
तकनीकी क्षेत्र में CHINA का INDIA में हिस्सा
चीनी मोबाइल कंपनिया--
One plus,Xiomi,Oppo,Vivo,Realme etc.
OTHER TECHNOLOGY BY CHINA IN INDIA -
HUAWAI - इस कम्पनी के द्वारा मोबाइल,डोंगल,MODEM आदि
सूचना हेतु आवश्यक तकनीकी उपकरण बनाए जाते है, INDIA द्वारा 5G तकनीकी के क्षेत्र
में जो क्रांति आने वाली है उसमे HUAWAI कम्पनी का सर्वाधिक योगदान होगा।
सूचना हेतु आवश्यक तकनीकी उपकरण बनाए जाते है, INDIA द्वारा 5G तकनीकी के क्षेत्र
में जो क्रांति आने वाली है उसमे HUAWAI कम्पनी का सर्वाधिक योगदान होगा।
जबकि JAPAN,NEWZELAND,FINLAND,UK साथ ही USA जैसे देशो ने अपने देश में HUAWAI को BAN कर दिया।
इस BAN को सफल बनाने एवं 5G तकनीकी पर CHINA के ऊपर तथा चीनी कम्पनी HUAWAI पर निर्भर नहीं रहने के लिए
G7 देशो ने मिल कर D10 (DEMOCRACY -10) बनाने का निर्णय लिया है,
साथ ही इसमें G7 के 7 देशो के अतिरिक्त AUSTRALIA,SOUTH KOREA,INDIA
को शामिल करने की बात की जा रही है।
G7 देशो ने मिल कर D10 (DEMOCRACY -10) बनाने का निर्णय लिया है,
साथ ही इसमें G7 के 7 देशो के अतिरिक्त AUSTRALIA,SOUTH KOREA,INDIA
को शामिल करने की बात की जा रही है।
साथ ही INDIA के लोगो द्वारा मोबाइल APPLICATIONS का जो इस्तेमाल किया
जाता है उनमे से ज्यादतर चीनी है जैसे की-
TIK-TOK, VAULT, WE CHAT, SHARE IT, UC BROWSER,CLUB FACTORY,SHEIN,
HELO,LIKE,VIRUS CLEANER,MI STORE etc.
HELO,LIKE,VIRUS CLEANER,MI STORE etc.
CHINESE INVESTMENT(निवेश)
- OCTOBER 2018 में, ZOMATO में $210 million की निवेश Alibaba से ही संबंधित वित्तीय कम्पनी
- Unicorn companies like Bigbasket, Zomato, Delhivery, Byju's, Flipkart,
इन सभी कम्पनियो में CHINA की कम्पनियो के द्वारा करोड़ो डॉलर का निवेश किया
गया है।
गया है।
अवसंरचना निर्माण (INFRASTRCTURE)के क्षेत्र में
- सरदार पटेल की प्रतिमा बनाने में CHINA की कम्पनी JTQ का सहारा लिया गया,
"एक गरीब मुल्क को प्रतिमाओं का विकास चाहिए या प्रतिभाओ का "?
- Delhi–Meerut Regional Rapid Transit System
दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ को जोड़ने वाला एक 82.15 किलोमीटर लंबा,
निर्माणाधीन, सेमी-हाई स्पीड रेल गलियारा है।
यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम के क्षेत्रीय रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम परियोजना
के चरण -1 के तहत योजनाबद्ध तीन रैपिड-रेल कॉरिडोर में से एक है।
निर्माणाधीन, सेमी-हाई स्पीड रेल गलियारा है।
यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम के क्षेत्रीय रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम परियोजना
के चरण -1 के तहत योजनाबद्ध तीन रैपिड-रेल कॉरिडोर में से एक है।
आखिर ऐसा क्यों है कि भारत, CHINA तथा अन्य देशो पर ज्यादा निर्भर है।
1 INDIA अपनी जीडीपी का 0.6% to 0.7% खर्च करता है RESERARCH & DEVELOPMENT के क्षेत्र में जबकि (DATA 2018-19) .https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1580049
2. INDIA शिक्षा के क्षेत्र में अपनी जीडीपी का 4.6 % खर्च करता है,
यह आंकडा बजट 2020 -21 का है, लेकिन यह राशि INDIA जैसे विशाल देश के लिए कम है
जबकि निति आयोग का मानना है की इसे 6 % होना चाहिए .
यह आंकडा बजट 2020 -21 का है, लेकिन यह राशि INDIA जैसे विशाल देश के लिए कम है
जबकि निति आयोग का मानना है की इसे 6 % होना चाहिए .
वही USA जैसे विकसित देश 6-7% तक खर्च करते है अपने GDP का,
लेकिन सोचने वाली बात ये है कि INDIA की GDP का 4% USA की GDP के 6 % से बहुत कम है,
अगर आप इस प्रतिशत को रूपए की वैल्यू में CONVERT करेंगे तो आप पाएंगे की यह एक बहुत बड़ा गैप है .
लेकिन सोचने वाली बात ये है कि INDIA की GDP का 4% USA की GDP के 6 % से बहुत कम है,
अगर आप इस प्रतिशत को रूपए की वैल्यू में CONVERT करेंगे तो आप पाएंगे की यह एक बहुत बड़ा गैप है .
ये कुछ बड़े कारण है जिस वजह से INDIA अपने देश की छोटी सी छोटी जरूरतों
के लिए दूसरे देशो पर निर्भर है और उसका व्यापार संतुलन बिगड़ा हुआ है
के लिए दूसरे देशो पर निर्भर है और उसका व्यापार संतुलन बिगड़ा हुआ है
आखिर CHINA का माल इतना सस्ता क्यों होता है ?
- लेबर cost का कम होना जिस कारण ज्यादा उत्पादन कम लागत में ही हो जाता है,और उत्पाद की कीमत कम हो जाती है।
- CHINA के द्वारा बड़ी बड़ी चीजों के उत्पादन से ज्यादा छोटी छोटी वस्तुओ का जयादा से ज्यादा उत्पादन करना।
- CHINA दूसरे देशो को अपने देश से माल आयात करने में काफी छूट देता है या ये कहे की PAYMENT की सुविधा में आसानी देता है,
INDIA क्या कर सकता है
लेकिन ये तो सिर्फ समस्याएँ है और INDIA ऐसा क्या कर सकता है
जिससे INDIA की निर्भरता दूसरे देशों पर कम हो सके और भारत, आत्म निर्भर बन सके।
जिससे INDIA की निर्भरता दूसरे देशों पर कम हो सके और भारत, आत्म निर्भर बन सके।
1. Export में और तेजी लाने पर जोर देना
2. कौशल विकास पर जोर देना
3. शिक्षा और अनुसंधान पर पैसे खर्च करना
4. ज्यादा से ज्यादा मात्रा में ITI,IIT,IIM जैसे शिक्षण संस्थानों की स्थापना करना
जहाँ प्रशिक्षण पर जोर दिया जाए।
जहाँ प्रशिक्षण पर जोर दिया जाए।
5. उच्च कोटि के उत्पाद बनाने पर जोर देना।
6. भारत में मोबाइल assemble करने की जगह manufacturing पर जोर देना देना
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यहाँ नीचे कुछ आंकड़े रखे गए है जो INDIA की वर्तमान व्यापारिक स्थिति को प्रदर्शित करता है..
TRADE OF INDIA WITH OTHER COUNTRIES-
Values in US $ Millions
DATA - MINISTRY OF COMMERCE
TRADE BETWEEN INDIA & CHINA
Values in US $ Millions
LIST OF IMPORTED ITEMS- https://commerce-app.gov.in/eidb/Icntcom.asp
LIST OF EXPORTED ITEMS-https://commerce-app.gov.in/eidb/ecntcom.asp
WAY FORWARD
ऐसा नही है कि INDIA मे दुनिया को नेतृत्व करने की या एक बड़ा निर्यातक बनने की काबिलियत नही है,
लेकिन INDIA की आज जो स्थिति हैं एक आयातक के रूप में वह उसकी राजनीतिक अपंगता के कारण है।
लेकिन INDIA की आज जो स्थिति हैं एक आयातक के रूप में वह उसकी राजनीतिक अपंगता के कारण है।
क्योंकि INDIA की राजनीति में भ्रष्टाचार,साम्प्रदायिकता ये सब इतने ज्यादा हावी है,
कि लोगो का विकास और देश का विकास अवरुद्ध हो चुका है,
INDIA मे इतनी विशाल जनसंख्या के बावजूद यहा ज्यादातर कार्यो में सिर्फ पुरुष ही संलग्न है,
कि लोगो का विकास और देश का विकास अवरुद्ध हो चुका है,
INDIA मे इतनी विशाल जनसंख्या के बावजूद यहा ज्यादातर कार्यो में सिर्फ पुरुष ही संलग्न है,
भले वह संगठित क्षेत्र की बात हो या असंगठित, औऱ महिलाए यदि कार्य कुशल है
भी तो सामाजिक दवाबों के चलते वे बाहर नही निकल पा रही है,
इससे एक बहुत बड़ा वर्ग श्रम क्षेत्र से बाहर हो जाता है,
जिस कारण उत्पादन की लागत बढ़ जाती है,औऱ भारतीय माल महंगे पड़ते हैं
जिस कारण भारतीय लोग न चाहते हुए भी विदेशों सामानों को खरीदते है।
भी तो सामाजिक दवाबों के चलते वे बाहर नही निकल पा रही है,
इससे एक बहुत बड़ा वर्ग श्रम क्षेत्र से बाहर हो जाता है,
जिस कारण उत्पादन की लागत बढ़ जाती है,औऱ भारतीय माल महंगे पड़ते हैं
जिस कारण भारतीय लोग न चाहते हुए भी विदेशों सामानों को खरीदते है।
एक सामान्य सा उदाहरण है कि सस्ता मोबाइल खरीदने वालो की संख्या ज्यादा है,
लेकिन उस कीमत पर भारतीय कम्पनी का कोई भी Mobile फ़ोन उपलब्ध नही है,
जिस कारण से लोग Xiomi, Realme,Oppo,Vivo का विकल्प तलाश करते है ।
लेकिन उस कीमत पर भारतीय कम्पनी का कोई भी Mobile फ़ोन उपलब्ध नही है,
जिस कारण से लोग Xiomi, Realme,Oppo,Vivo का विकल्प तलाश करते है ।
मोबाइल फोन ही नही हम छोटे से खिलौनों को लेने के लिए भी चीनी कम्पनी के उत्पादों की ओर देखते हैं।
लेकिन सोचने वाली बात ये है कि क्या सरकार, जनता द्वारा किए जा रहे चीनी उत्पाद के विरोधों का समर्थन करती है,
यदि करती है, तो फिर क्या सरकार की तरफ से कोई पुष्टि हुई और यदि हुई भी तो क्या सरकार,
जनता की बाजार में उपलब्ध सस्ते मालो के मांगो की पूर्ती कर पाएगा।
लेकिन सोचने वाली बात ये है कि क्या सरकार, जनता द्वारा किए जा रहे चीनी उत्पाद के विरोधों का समर्थन करती है,
यदि करती है, तो फिर क्या सरकार की तरफ से कोई पुष्टि हुई और यदि हुई भी तो क्या सरकार,
जनता की बाजार में उपलब्ध सस्ते मालो के मांगो की पूर्ती कर पाएगा।
देखा जाए तो यह असम्भव नही है, लेकिन सरकार को बहुत वक्त लगेगा इस कार्य को करने में
क्योकि INDIA मे निम्न आय वालो की संख्या उच्च आय वालो से ज्यादा है,
जिस कारण लोग स्वयं को सस्ते और टिकाऊ उत्पादों से दूर नही रख सकते
और INDIA मे अभी ऐसे मालो का उत्पादन बहुत ही नगण्य मात्रा में होता है,
इस प्रकार यह भारतीय जनता को तय करना है कि,
क्योकि INDIA मे निम्न आय वालो की संख्या उच्च आय वालो से ज्यादा है,
जिस कारण लोग स्वयं को सस्ते और टिकाऊ उत्पादों से दूर नही रख सकते
और INDIA मे अभी ऐसे मालो का उत्पादन बहुत ही नगण्य मात्रा में होता है,
इस प्रकार यह भारतीय जनता को तय करना है कि,
वह महंगे उत्पाद खरीद के राष्ट्रवाद निभाए या फिर सरकार को,
कि वह जनता को कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें प्रशिक्षित करे और
बढ़िया श्रमिक बनाए ताकि देश में श्रम की कीमत सस्ती हो और मालो का कम कीमत में
उत्पादन करके जनता की विदेशी मालो पर निर्भरता को कम कर सके।
कि वह जनता को कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें प्रशिक्षित करे और
बढ़िया श्रमिक बनाए ताकि देश में श्रम की कीमत सस्ती हो और मालो का कम कीमत में
उत्पादन करके जनता की विदेशी मालो पर निर्भरता को कम कर सके।
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